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अगेती सरसों की खेती करने की बना रहें योजना तो बंपर पैदावार देने वाली किस्मों की कर लें व्यवस्था

किसानों के लिए सरसों की खेती मुनाफे का सौदा है. इस बार सरसों की जबरदस्त कीमत मिली है और पूरे साल भाव उच्चतर स्तर पर बने रहे. इस बार मिली अच्छी कीमत को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि आगामी सीजन में सरसों की पैदावार में भारी बढ़ोतरी होगी. कुछ किसान अगेती सरसों की खेती की तैयारी शुरू कर चुके हैं.

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुवांशिकी संस्थान के कृषि विशेषज्ञ डॉ नवीन सिंह कहते हैं कि जिन्हें फरवरी माह में गन्ना, अगेती सब्जियां और जनवरी में प्याज व लहसून की खेती करना चाहते हैं, ऐसे किसान अपनी खेतों को खाली रखते हैं. उनके लिए सरसों की अगेती खेती काफी लाभदायक हो सकती है और वे अतिरिक्त मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

डॉ सिंह के मुताबिक, इस तरह के खेत सितंबर से लेकर जनवरी तक खाली रहते हैं. ऐसे में किसान भाई कम समय में पककर तैयार हो जानी वाली भारतीय सरसों की अच्छी प्रजाति लगाकर मुनाफा कमा सकते हैं. डॉ सिंह बताते हैं कि पूसा ने कुछ किस्मों को विकसित किया है, जो जल्द पककर तैयार हो जाती हैं और उत्पादन भी अधिक मिलता है.

ये हैं कुछ बंपर उत्पादन देने वाली किस्में

कृषि विशेषज्ञ नवीन सिंह ने बताया कि किसान भाई पूसा अग्रणी किस्म की खेती कर सकते हैं. यह 110 दिन में पक कर तैयार हो जाती है और एक हेक्टेयर में 13.5 क्विंटल पैदावार मिलती है. इसके अलावा, पूसा तारक और पूसा महक किस्मों की अगेती खेती हो सकती है. ये दोनों किस्में करीब 110-115 दिन के बीच पक जाती हैं और प्रति हेक्टेयर औसतन 15-20 क्विंटल पैदावार हासिल होती है.

उन्होंने एक और किस्म के बारे में जानकारी दी, जो सबसे कम समय में पककर तैयार हो जाती है. डॉ सिंह ने बताया कि पूसा सरसों- 25 नाम की किस्म 100 दिन में तैयार हो जाती है. एक हेक्टेयर में पूसा सरसों- 25 की बुवाई कर 14.5 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा एक और किस्म है, पूसा सरसों- 27. इसे पकने में 110-115 दिन का समय लगता है और प्रति हेक्टेयर 15.5 क्विंटल तक पैदावार मिल जाती है.

डॉ सिंह ने बताया कि इन सभी किस्मों के अलावा एक सबसे नवीनत किस्म हमने तैयार की है, जिसका नाम है पूसा सरसों- 28. यह 105-110 दिन में पक जाती है और 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार हासिल होती है. डॉ नवीन सिंह ने बताया कि इन सभी किस्मों की 15 सितंबर के आस पास बुवाई की जा सकती है और जनवरी के पहले हफ्ते तक इनकी कटाई हो जाती है.

AJAY YADAV

AGRICOP KISAANI

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